Monday, 19 December 2016

सिधु की प्रसिद्ध शायरी!

 सिधु की प्रसिद्ध शायरी!



नवजोत सिंह सिधु किसी पहचान के मोहताज नही. वह भारत की तरफ से क्रिकेट खेले और खूब नाम कमाया. इसके आलावा उन्होंने राजनीती में भी नाम कमाया और सांसद भी रहे. वे एक सफल MOTIVATIONAL स्पीकर भी है और युवाओ को प्रेरणा देते है.

१) खुदी से खुद का अंदाज़ा नहीं होता,
बाहर आने से पहले फूल भी ताज़ा नहीं होता,
कोशिशे करते रहो तो जान जाओगे,
मुकद्दर का हमेशा बंद दरवाजा नहीं होता

२)हर दिन के बाद यहाँ रात होती है,
हार जीत मेरे दोस्त साथ साथ होती है,
कोई कितने भी बनाले हवा में महल
मिलता वही है गुरु जो औकाद होती है.

३) गुलाबो की खुशबु दीवारे रोक नहीं सकती,
हवाओ का बहाव मीनारे रोक नहीं सकती,
बुलंद हौसले ही जीवन की हकीकत है,
फौलादो की तकदीर तब्दिरे रोक नहीं सकती.

४)जोड़ने वाले को मान मिलता है
तोड़ने वाले को अपमान मिलता है,
और जो खुशियाँ बाँट सके उसे सम्मान मिलता है.

५) इबादत नहीं सिर्फ माला को घुमा देना,
इबादत है किसी भूखे को रोटी खिला देना,
किसी रोते हुए को हसा देना,
किसी  उजड़े हुए को बसा देना.

६) मुसीबत की बस्ती में छुपी हुई राहत की हस्ती है
और घटा जब घनघोर हो जाती है तभी जाके बरसती है.

७) बुलबुलों के पंखो मे बंधे हुए कभी बाज़ नहीं रहते,
बुझदिलो और कायरो के हाथ कभी राज़ नहीं रहते
सर झुकाकर चलने की आदत पड़ जाये जिस इंसान को
उस इंसान के सर पर कभी ताज नहीं रहते.

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